यह एक ऐसा युद्ध है जो हजारों वर्षो से निरंतर चला आ रहा है जो की ख़तम होने का नाम ही नहीं लेता है, कारण सिर्फ इतना है की हम हिन्दू कुछ ज्यादा ही शांत प्रवृति के होते हैं हम किसी को जल्द अपना दुश्मन नहीं मानते और सिर्फ अपने मै मस्त रहते हैं जिसके कारण हमने कभी आज़ादी की सांस ली ही नहीं कभी अफगानी लुटेरों के शिकार होते रहे और उनके मुग़ल साम्राज्य को स्थापित होने दिया परिणाम स्वरुप हमें हजारों साल तक युद्ध करते रहे और अनेको महान वीरों गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह, महाराणा प्रताप, महाराज रंजीत सिंह, वीर शिवाजी जैसे अशंख्य वीरों की कुर्वानी के बाद हम मुग़लों का तख्ता पलट करने में कामयाब हो सके और हमें मुगलों के जुल्म से आज़ादी मिली लेकिन हम अपनी आज़ादी को चंद दिन भी कायम नहीं रख सके और अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार कर लिया फिर एक लम्बा संघर्ष अंग्रेजो से छीर गया सन् १८५७ के ग़दर से लेकर १९४७ तक के आज़ादी संग्राम में फिर से हमने अपने लाखों वीरों को खोया, अभी हम ठीक से आज़ादी मिलने की ख़ुशी भी नहीं मना पाए थे की फिर कुछ लोगो के दिल में हिन्दुस्तान की आज़ादी खटक गयी और उन्होने एक अलग से मुस्लिम देश बना कर भारत माँ के दो टुकरे कर दिए और देश को एक भयंकर हिंसा की आग में झोंक दिया जिसमे बिगत है की पाकिस्तान से तीन ट्रेन को हिन्दुओ के लाशों से भरकर हिन्दुस्तान भेजा गया उसके बाद हिन्दुस्तान में भी हिंसा फैलना लाज़मी था और उस हिंसा में भी बहुत से लोग मारे गए लेकिन इतने लोगो के मारे जाने के बाबजूद नतीजा बिलकुल शून्य रहा मुसलमानो को उनकी मनचाही बस्तु पाकिस्तान मिल जाने के बाद भी मुस्लिमों ने भारत नहीं छोरा और भारत में रहकर तरह तरह से कुचक्र रचने लगे भारत के खिलाफ जिसका हजारो प्रमाण है बटवारे के तुरंत बाद पाकिस्तान का भारत पर आक्रमण बटवारे के बाद जो बचे मुस्लिम थे उनके द्वारा उनके द्वारा पाकिस्तान का समर्थन, कुचक्र रचकर किये गए दंगे, कश्मीर में आतंकवाद और ना जाने कितने ही हिन्दुस्तान और हिन्दू बिरोधी गतिबिधियों में शामिल भारतीय मुस्लिम, इसको हम एक शजिस नहीं तो क्या कहेंगे, हम हिन्दुस्तान को धर्म निरपेक्ष रास्त्र कहते हैं और खुद को सेकुलर लेकिन क्या गैर हिन्दू समुदाय भी हमारे जैसा सोचती है ? अगर सोचती है तो ये रास्त्र विरोधी सजिसें क्यों ?? हाँ हम मानते हैं की हाँ भारत एक धर्मनिरपेक्ष रास्त्र है लेकिन क्या सिर्फ हम हिन्दुओ लिए ही ये धर्मनिरपेक्षता लागू होता या फिर और किसी के लिए भी, दिन रात बढ़ रहे आतंकवादी बर्दातें अब तक के आकरो के मुताबिक ५४००० लोग इन ध्ट्नाओ के शिकार हो चुके हैं जो की मासूम थे जिनका किसी से कोई लेना देना नहीं था आतंकवादी वारदातों मै हिन्दुस्तान के बिभिन्न जगहों के मुसलमानों का शामिल होना, चाहे वो किसी छोटे जगह पर किया गया हमला हो या किसी मंदिर पर या फिर संसद पर हुआ हमले में DU के प्रोफेसर का साजिस मै शामिल होना, आखिर क्या साबित करता है, अगर किसी अनपढ़ ने गलती की तो उसे हम नहीं माने या उसे हम ये माने की एक अनपढ़ की वजह से पूरे कॉम को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए लेकिन अगर मुस्लिम समुदाय के अनपढ़ से लेकर उच्च शिक्षित लोग तक इन सजिसों में शामिल पकरा जाए और फिर भी हम इसे एक साजिस नहीं माने इसे रस्त्रद्रोह नहीं माने तो हमसे बरा मूर्ख कोई नहीं होगा, जगह जगह पर सिमी के खुले आम पर्दर्शन, सिमी जो की एक प्रतिबंधित मुसलिम रास्त्र द्रोही संगठन हैं उसका खुले आम मुस्लिमों द्वारा समर्थन अगर इसे भी हम मुस्लिमों की हिन्दुस्तान बाटने की साजिस नहीं माने तो ये हमारी कायरता को पर्दर्षित करेगा हम करोरो हिन्दू खुद को सेकुलर होने का दावा करते हैं अपने देवी देवताओं की बेइज्जती को बर्दास्त करते हैं क्या कभी किसी मुसलिम को सेकुलर होने का दावा करते सुना है ? क्या किसी मुसलिम को अपने खुदा का अपमान करते देखा है? और अगर किसी ने भूलचुक से भी खुदा का अपमान किया हो तो उसे मुसलिम समुदाय द्वारा कठोर दंड दिया जाता है यहाँ तक की वहा पर दंगा तक कराया जाता है आखिर क्या है ये सब?? जहाँ भी मुसलिम बाहुल्य है वहा हिन्दुओ की निर्शंश हत्या हो रही है चाहे वो कश्मीर हो या केरला या फिर उत्तर पूरब भारत आखिर क्या है ये सब ???? क्या ये एक साजिस नहीं है जो की हिन्दुस्तान को फिर से टुकरे करने की क्या हमें ये सब देखते हुए भी चुप बैठे रहना चाहिए??? नहीं कभी नहीं अगर फिर भी हम चुप बैठे रहे तो हम कायर हैं बुजदिल हैं और मुझे नहीं लगता की हम इतने कायर हैं हमारा खून अब भी उबल रहा है मातृभूमि की रक्षा के लिए हम इनके किसी भी साजिस को नाकाम करने के लिए काफी हैं ये जो युद्ध आदिकाल में शुरू हुआ था उस युद्ध को हमें ख़तम करना होगा और हम इस युद्ध को ख़तम ख़तम करने में शक्षम हैं जरूरत है तो सिर्फ हमें एक होने की हमें हमारे ताक़त को बढाने की मन में रास्त्र प्रेम की भावना को जागृत करने की और जिस दिन हम जागेंगे उस दीन हर कुचक्र जो हमारे मातृभूमि के खिलाफ रचा जा रहा है को तोर कर एक नया हिन्दुस्तान बनायेंगे,
जय हिंद जय भारत वंदेमातरम
जय हिंद जय भारत वंदेमातरम
Comments
Jai Hind,
Ek bharitya
bahadur shah jafar to apni gaddi Bachane ke chakkar main mara gaya or ram prasad bismil arya samaj ka ban gaya tha maulana Abdul kalam azad ne Pakistan nehru ke sath milkar alag karaya apj Abdul kalam or wipro prem ji nastik hai or hindu dharam ke sidhant ki kai bar prashansa kar chuke hai
Aaj pura sansaar in muslim ke atank se dhukhi hai
bahadur shah jafar to apni gaddi Bachane ke chakkar main mara gaya or ram prasad bismil arya samaj ka ban gaya tha maulana Abdul kalam azad ne Pakistan nehru ke sath milkar alag karaya apj Abdul kalam or wipro prem ji nastik hai or hindu dharam ke sidhant ki kai bar prashansa kar chuke hai
Aaj pura sansaar in muslim ke atank se dhukhi hai
bahadur shah jafar to apni gaddi Bachane ke chakkar main mara gaya or ram prasad bismil arya samaj ka ban gaya tha maulana Abdul kalam azad ne Pakistan nehru ke sath milkar alag karaya apj Abdul kalam or wipro prem ji nastik hai or hindu dharam ke sidhant ki kai bar prashansa kar chuke hai
Aaj pura sansaar in muslim ke atank se dhukhi hai
mujhe to koi ye samjha de ki Islam ne is sansaar ke liye kya kiya hai kya diya hai kya yogdaan hai or kya kar raha hai bus hinsa or atankwadi ke sivay kuch nahi