मेरी दृष्टि में महात्मा गांधी जी जैसे महान पुरुष की सैद्धान्तिक मौत तो भारत के विभाजन के समय ही हो चुकी थी। अतः शारीरिक रूप से गोली मार कर हुतात्मा नाथूराम गोडसे ने उन्हें अमरता का पर्याय ही बनाया। महापुरुषों के जीवन में उनके सिद्धान्तों और आदर्शों की मौत ही वास्तव में मौत होती है। 14 अगस्त, 1946 में मुस्लिम लीग के गुण्डों को आह्वान और कलकत्ता में 6,000 हिन्दुओं का कल्तेआम पर गांधी की चुप्पी। जब लाखों माताओं, बहनों, के शील हरण तथा रक्तपात और विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी द्विराष्ट्रवाद के सिद्धान्त के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ, उस समय महात्मा गांधी के लिए हिन्दुस्तान की जनता में जबर्दस्त आक्रोश फैल चुका था। रही-सही कसर पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये देने के लिए महात्मा गांधी के अनशन ने पूरी कर दी। वास्तव में सारा देश महात्मा गांधी का उस समय घोर विरोध कर रहा था और भगवान से उनकी मृत्यु की आराधना कर रहा था। लोगों की जुबान पर बूढ़ा सठिया गया है-भगवान् इसको जल्दी उठा लें, जैसे शब्द थे। कई सभाओं में तो उन पर अण्डे, प्याज और टमाटर आदि भी फेंके गये तथा उनका तिरस्कार एवं बहिष्कार लोगों ने अपनी-अपनी तरह करना शुरू कर दिया था। हिन्दुस्तान की जनता के दिलों में महात्मा गांधी के झूठे अहिंसावाद और नेतृत्व के प्रति घृणा पैदा हो चुकी थी। महात्मा गांधी प्रायः कहते थे-हिन्दू-मुस्लिम एकता के बिना स्वतंत्रता प्राप्ति का कोई महत्व नहीं है। एक बार तो उन्हें यह भी कहना पड़ा कि हिन्दू कायर और मुस्लिम पंगेबाज हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि मुस्लिमों को प्रसन्न करने के लिए रामायण में बेगम सीता, बादशाह राम और मौलवी वशिष्ठ जैसे नामों का भी सुझाव दिया गया। इसी अवधारणा से मुस्लिम तुष्टिकरण का जन्म भी हुआ जिसके मूल से ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ है। 1946-47 में प्रायः प्रत्येक की जुबान पर एक ही बात थी कि महात्मा गांधी मुसलमानों के सामने घुटने टेक चुके हैं। महात्मा गांधी का कथन-‘‘उनकी लाश पर पाकिस्तान बनेगा’’, कोरा झूठ साबित हुआ। यह सर्वविदित है कि खण्डित भारत का निर्माण महात्मा गांधी की लाश पर नहीं, अपितु 25 लाख हिन्दू सिखों की लाशों तथा असंख्य माताओं और बहनों के शीलहरण पर हुआ। स्मरण रहे हमारे 62 जिले और 298 धर्मस्थल पाक-बांग्लादेश की इस्लामिक कैद में हैं और उन्हें मुक्त कराना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। मेरा विश्वास है कि जब तक पाक-बांग्लादेश इस धरती पर रहेगा-न तो जेहादी इस्लामिक आतंकवाद समाप्त होगा और न ही हिन्दुस्तान में शान्ति। अतः ‘‘अखण्ड भारत’’ ही एकमात्र हल है।
VANDEMATRAM
जयहिन्द !
125 करोड़ भारतीयों में है कोई माई का लाल ????????????????
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