खबर है कि पाकिस्तान के दक्षिण तटीय शहर कराची के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली युवा नर्स बानो पिछले महीने से लापता है। नर्स के परिजनों ने घटना के पीछे धर्मातरण की आशंका जताई है। उनका आरोप है कि कई बार शिकायत के बावजूद पुलिस ने नर्स का पता लगाने की जहमत नहीं उठाई। घटना से नाराज हिंदू माहेश्वरी समुदाय के दर्जनों लोगों ने कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया और उन्होंने केंद्रीय व प्रांतीय सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से बानो की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई, लेकिन पाकिस्तान सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी है। कराची प्रेस क्लब के सामने हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए प्रदर्शनकारी तीन सप्ताह से लापता बानो की तुरंत बरामदगी की मांग कर रहे थे। बानो एक निजी अस्पताल में काम करती थी। बानो की अस्पताल में मालिक के साथ अनबन थी। उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है लेकिन अब तक उसने कोई कार्रवाई नहीं की है।
पाकिस्तानी अखबार 'डेली टाइम्स' ने खबर दी है कि बानो तीन सप्ताह से लापता है। बानो के परिजनों को डर है कि हमें डर है कि कहीं उसकी हत्या न कर दी गई हो या जबरन धर्म परिवर्तन कराकर किसी मुस्लिम युवक से उसकी शादी न कर दी गई हो। सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय की महिलाओं और लड़कियों का अपहरण और बलात धर्मान्तरण करा कर जबरदस्ती विवाह कराना एक आम बात हो चुकी है और विगत कई सालों से ये कुत्सित खेल चल रहा है।
ऐसी ही कुछ घटनाएँ हैं जो ये सोचने पर मजबूर करती है कि जो भारतीय मीडिया पाकिस्तान की गुलामी में रात-दिन कसीदे पढ़ता रहता है उनके कानों में पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं की चीखें क्यों नहीं पहुँचती। एक हिन्दू लड़की रबीना के साथ जो हुआ वह बात तो सामने आ गई मगर ऐसी घटनाएँ पाकिस्तान में रह रहे हर तीसरे हिन्दू परिवार केसाथ हो रही है। रबीना पाकिस्तान के सकूर में रहती थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। इन्टरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक लेकर वह शहर के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए गई। उसका नाम और पिता का नाम बताते ही भर्ती करने वाले अधिकारी ने बताया कि उसे बिलोचिस्तान का डोमिसाइल सर्टिफिकेट (स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र) लाना होगा। रबीना के पिता क्वेटा गए और कई दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद उनको कहा गया कि कि रबीना का परिवार अब सकूर में रह रहा है अत: वह सिंध से ही ये डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
रबीना ने काफी भागदौड़ की पर उसे निराशा ही हाथ लगी। अब उसने डॉक्टर बनने का सपना छोड़ दिया है, क्योंकि सभी मेडिकल कॉलेजों ने धर्म की आड़ में उसे एडमिशन देने से इंकार कर दिया है। आज वह घर में बैठी हुई है। कुछ दिन पहले धारकी कस्बे से एक हिन्दू विवाहित महिला का अपहरण करके उसका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। बाद में उसे एक स्थानीय अदालत में पेश करवाकर उससे जबरन बयान दिलवाया गया कि उसने मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया है। बाद में उस इस हिन्दू महिला ने किसी तरह अपने माता-पिता से सम्पर्क करके बताया कि किस तरह उसका अपहरण कर स इसके बाद हिन्दू जाति का एक लडका अजीत इस संबंध में आगे आया। वह उच्चाधिकारियों के समक्ष यह रहस्य खोलता उसके पहले ही उसे बुरे परिणाम भोगने की धमकी दी गई। यह धमकी बारचुंडी के मुल्ला ने अजीत को दी कि वह इस मामले में चुप्पी साधे रखे। उधर, हिन्दू लड़की को भी धमकी दी गई यदि उसने पुन: हिन्दू परिवार में शामिल होने की कोशिश की तो उसके घरवालों को मार दिया जाएगा। बाद में अपहरण की गई उस महिला को गाँव में भीड़ में लेजाकर उससे कहलवाया गया कि इस्लाम धर्म उसने अपनी मर्जी से कुबूल किया है।
पाकिस्तानी अखबार 'डेली टाइम्स' ने खबर दी है कि बानो तीन सप्ताह से लापता है। बानो के परिजनों को डर है कि हमें डर है कि कहीं उसकी हत्या न कर दी गई हो या जबरन धर्म परिवर्तन कराकर किसी मुस्लिम युवक से उसकी शादी न कर दी गई हो। सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय की महिलाओं और लड़कियों का अपहरण और बलात धर्मान्तरण करा कर जबरदस्ती विवाह कराना एक आम बात हो चुकी है और विगत कई सालों से ये कुत्सित खेल चल रहा है।
ऐसी ही कुछ घटनाएँ हैं जो ये सोचने पर मजबूर करती है कि जो भारतीय मीडिया पाकिस्तान की गुलामी में रात-दिन कसीदे पढ़ता रहता है उनके कानों में पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं की चीखें क्यों नहीं पहुँचती। एक हिन्दू लड़की रबीना के साथ जो हुआ वह बात तो सामने आ गई मगर ऐसी घटनाएँ पाकिस्तान में रह रहे हर तीसरे हिन्दू परिवार केसाथ हो रही है। रबीना पाकिस्तान के सकूर में रहती थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। इन्टरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक लेकर वह शहर के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए गई। उसका नाम और पिता का नाम बताते ही भर्ती करने वाले अधिकारी ने बताया कि उसे बिलोचिस्तान का डोमिसाइल सर्टिफिकेट (स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र) लाना होगा। रबीना के पिता क्वेटा गए और कई दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद उनको कहा गया कि कि रबीना का परिवार अब सकूर में रह रहा है अत: वह सिंध से ही ये डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
रबीना ने काफी भागदौड़ की पर उसे निराशा ही हाथ लगी। अब उसने डॉक्टर बनने का सपना छोड़ दिया है, क्योंकि सभी मेडिकल कॉलेजों ने धर्म की आड़ में उसे एडमिशन देने से इंकार कर दिया है। आज वह घर में बैठी हुई है। कुछ दिन पहले धारकी कस्बे से एक हिन्दू विवाहित महिला का अपहरण करके उसका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। बाद में उसे एक स्थानीय अदालत में पेश करवाकर उससे जबरन बयान दिलवाया गया कि उसने मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया है। बाद में उस इस हिन्दू महिला ने किसी तरह अपने माता-पिता से सम्पर्क करके बताया कि किस तरह उसका अपहरण कर स इसके बाद हिन्दू जाति का एक लडका अजीत इस संबंध में आगे आया। वह उच्चाधिकारियों के समक्ष यह रहस्य खोलता उसके पहले ही उसे बुरे परिणाम भोगने की धमकी दी गई। यह धमकी बारचुंडी के मुल्ला ने अजीत को दी कि वह इस मामले में चुप्पी साधे रखे। उधर, हिन्दू लड़की को भी धमकी दी गई यदि उसने पुन: हिन्दू परिवार में शामिल होने की कोशिश की तो उसके घरवालों को मार दिया जाएगा। बाद में अपहरण की गई उस महिला को गाँव में भीड़ में लेजाकर उससे कहलवाया गया कि इस्लाम धर्म उसने अपनी मर्जी से कुबूल किया है।
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