Skip to main content

हिंदू छात्राओं को जबरन मुसलिम बनाने की कोशिशें

हिंदू छात्राओं को जबरन मुसलिम बनाने की कोशिशें लंदन।
ब्रिटेन के विश्वविद्यालय परिसरों में हिंदू छात्राओं को डरा-धमका कर मुसलिम बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। इससे यहां रह रहे हिंदुओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं, ब्रिटिश पुलिस इस मामले में मुसलिम कट्टंरपंथी समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही हिंदुओं की सुरक्षा के लिए हिंदू सेफ्टी फोरम भी गठित किया जाएगा। ब्रिटिश मेट्रोपोलिटन पुलिस के आयुक्त सर इयान ब्लेयर ने बुधवार को यहां हिंदू फोरम आफ ब्रिटेन तथा नेशनल हिंदू स्टूडेंट्स फोरम द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में मुसलिम कट्टंरपंथियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और हिंदू सेफ्टी फोरम गठित करने की घोषणा की। सर ब्लेयर ने कहा कि हिंदू समुदाय में ऐसी भावना है कि हमने उन पर अन्य समुदायों की तुलना में अधिक ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे दोषी कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मेट्रोपोलिटन पुलिस हिंदू एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में आपराधिक न्याय प्रणाली से जुडे़ युवा, सामुदायिक नेता एवं अन्य प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए। सम्मेलन में पुलिस द्वारा गठित होने वाले हिंदू सेफ्टी फोरम द्वारा हिंदुओं के खिलाफ नस्लीय अपराधों की विशेष रूप से जांच कराए जाने के मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा। हिंदू फोरम आफ ब्रिटेन के महासचिव रमेश कल्लीदई ने सम्मेलन में कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियों को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि विश्वविद्यालय परिसरों में कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों द्वारा हिंदू और सिख समुदाय के खिलाफ आक्रामक धर्मातरण के तरीके अपनाने और उन्हें डराए धमकाए जाने को लेकर इन समुदायों में बहुत आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार टूट रहे हैं। हमारी लड़कियों को मारा पीटा गया है जिससे उन्हें विश्वविद्यालय छोड़ना पड़ा है। हमें इन मुद्दों पर महज बातचीत नहीं बल्कि सकारात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि प्रस्तावित हिंदू सेफ्टी फोरम इस मामलों से निपटने में सक्षम होगा। सम्मेलन में इसलामिक आतंकवाद के विशेषज्ञ टाम लंदलैक, सांसद टोनी मैकनल्टी, सुरक्षा एवं नीति मामलों के राज्यमंत्री डा. रॉब बर्कले, शाही अभियोजन सेवा में कार्यरत वरिष्ठतम हिंदू सामुदायिक नेता राज जोशी आदि अनेक जाने माने लोग हिस्सा ले रहे हैं।

Comments

Popular posts from this blog

कश्मीर में उठ रहे आज़ादी की मांग,

कश्मीर भारत में उठ रहे आज़ादी की मांग, या पाकिस्तान परस्त रास्त्र्द्रोही इस्लामिक जेहाद ? कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग और भारत का मुकुट कहा जाता था आज भारत के लिए एक नासूर बन चूका है कारन सिर्फ मुस्लिम जेहाद के तहत कश्मीर को इस्लामिक राज्य बना कर पाकिस्तान के साथ मिलाने की योजना ही है, और आज रस्त्रद्रोही अल्गाव्बदियो ने अपनी आवाज इतनी बुलंद कर ली है की कश्मीर अब भारत के लिए कुछ दिनों का मेहमान ही साबित होने वाला है और यह सब सिर्फ कश्मीर में धारा ३७० लागु कर केंद्र की भूमिका को कमजोर करने और इसके साथ साथ केंद्र सरकार का मुस्लिम प्रेम वोट बैंक की राजनीती और सरकार की नपुंसकता को साबित करने के लिए काफी है यह बात कश्मीर के इतिहास से साबित हो जाता है जब सरदार बल्लव भाई के नेतृतव में भारतीय सेना ने कश्मीर को अपने कब्जे में ले लिया था परन्तु नेहरु ने जनमत संग्रह का फालतू प्रस्ताव लाकर विजयी भारतीय सेना के कदम को रोक दिया जिसका नतीजा पाकिस्तान ने कबाइली और अपनी छद्म सेना से कश्मीर में आक्रमण करवाया और क़ाफ़ी हिस्सा हथिया लिया । और कश्मीर भारत के लिए एक सदा रहने वाली समस्या बन कर रह गयी और पाकिस्ता

ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में जिहाद

द्वारा डैनियल पाइप्सन्यूयार्क सन31 मई, 2005 राइस विश्वविद्यालय के डेविड कुक ने “अन्डर-स्टेंडिंग जिहाद” नाम से एक बहुत अच्छी और बोधगम्य पुस्तक लिखी है .युनिवर्सिटी औफ कैलीफोर्निया प्रेस द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन अभी शीघ्र ही हुआ है ...इस पुस्तक में डेविड कुक ने 11 सितम्बर के पश्चात जिहाद पर आरंभ हुई निचले स्तर की बहस के स्वरुप को निरस्त किया है कि क्या यह एक आक्रामक युद्द पद्धति है या फिर व्यक्ति के नैतिक विकास का प्रकार है... कुरान मुसलमानों को स्वर्ग के बदले अपनी जान देने को आमंत्रित करता है ..हदीथ , जो कि मोहम्मद के क्रियाकलापों और व्यक्तिगत बयानों का लेखा जोखा है ,कुरान के सिद्दांतो की और अधिक व्याख्या करता है .इसमें संधियों, धन का वितरण , युद्द में प्राप्त सामग्री य़ा पुरस्कार , बंदियों, विभिन्न नीतियों का उल्लेख है ..मुसलिम विधिशास्त्र ने कालांतर में इन व्यावहारिक विषयों को सूत्रबद्ध कर इसे एक कानून का स्वरुप दे दिया .... पैगंबर ने अपने शासनकाल के दौरान औसतन प्रतिवर्ष नौ सैन्य अभियानों में हिस्सा लिया ...अर्थात प्रत्येक पाँच या छ सप्ताह में एक सैन्य अभियान , इस प्रकार अत्

एक युद्ध जो आदि काल से चला आ रहा है

यह एक ऐसा युद्ध है जो हजारों वर्षो से निरंतर चला आ रहा है जो की ख़तम होने का नाम ही नहीं लेता है, कारण सिर्फ इतना है की हम हिन्दू कुछ ज्यादा ही शांत प्रवृति के होते हैं हम किसी को जल्द अपना दुश्मन नहीं मानते और सिर्फ अपने मै मस्त रहते हैं जिसके कारण हमने कभी आज़ादी की सांस ली ही नहीं कभी अफगानी लुटेरों के शिकार होते रहे और उनके मुग़ल साम्राज्य को स्थापित होने दिया परिणाम स्वरुप हमें हजारों साल तक युद्ध करते रहे और अनेको महान वीरों गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह, महाराणा प्रताप, महाराज रंजीत सिंह, वीर शिवाजी जैसे अशंख्य वीरों की कुर्वानी के बाद हम मुग़लों का तख्ता पलट करने में कामयाब हो सके और हमें मुगलों के जुल्म से आज़ादी मिली लेकिन हम अपनी आज़ादी को चंद दिन भी कायम नहीं रख सके और अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार कर लिया फिर एक लम्बा संघर्ष अंग्रेजो से छीर गया सन् १८५७ के ग़दर से लेकर १९४७ तक के आज़ादी संग्राम में फिर से हमने अपने लाखों वीरों को खोया, अभी हम ठीक से आज़ादी मिलने की ख़ुशी भी नहीं मना पाए थे की फिर कुछ लोगो के दिल में हिन्दुस्तान की आज़ादी खटक गयी और उन्होने एक अलग से मुस्लिम