अनगिनत बलात्कार की घटनाओं का साक्षी रहा है सुशासन का बिगुल फ़ूँकता हुआ बिहार l बिहार में रोज तीन-चार बलात्कार की घटनाएँ (रिपोर्टेड) होती हैं l कुछ घटनाएँ सामने आती हैं तो ज्यादातर घटनाओं की ओर ना तो सरकार का ही ध्यान जाता है ना ही तथाकथित इलेक्ट्रॉनिक जागरूक मीडिया और जनमानस का l ज्यादातर घटनाएँ तो सतह पर अनेकों कारणों से आ ही नहीं पाती हैं और अनेकों घटनाओं पर पुलिस-प्रशासन पर्दा डालने का काम कर देता है l हासिल कुछ नहीं होता अपराधी जटिल कानूनी प्रकिया और जुगाड़-तंत्र के सहारे बेखौफ़ व बेलगाम हो कर नित्य नयी घटनाओं को अँजाम दे रहे हैं l पिछले वर्ष दिल्ली की शर्मसार करने वाली घटना पर तो मुख्य-मंत्री श्री नीतिश कुमार जी का बयान तो आया था , बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों के द्वारा संवेदनाएँ व्यक्त की गयीं थी, विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी था लेकिन अपने घर (प्रदेश) में घटित हो रही जघन्य-कुकर्मों के प्रति इन सबों की उदासीनता समझ से परे है ? बिहार में पिछले कुछ सालों में बलात्कार , सामूहिक बलात्कार , बच्चों के साथ जबरन दुष्कर्म की घटनाओं में जबर्दस्त इजाफ़ा हुआ है जो बेहद ही चिंतनीय है l ल
अमरनाथ दर्शन के लिए घाटी पहुचे जयपूर के श्रधालुओ पर मंगलवार को उपद्रवियों ने हमला किया हमला श्रीनगर से अनंतनाग के बीच दो बार वहां के लोगो द्वारा किया गया जिसमे १ दर्जन बसों के शीशे टूट गए और कई यात्री घायल हुए, जयपुर से १७५१ यात्री गए हुए थे जिन्हें अब रस्ते में रोका गया है जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पर रहा है, घायल यात्रियों अस्पताल में भर्ती करवाया गया है , यात्रियों ने समाचारपत्रों को फ़ोन पर बताया की उन्हें अभी तक कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिला है , प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गयी है यात्रियों को आई जी , डीआई जी या अन्य अधिकारियो से मिलने नहीं दिया गया है। अमरनाथ यात्रियों पर आज ये कोई पहला हमला नहीं है इससे पहले भी हमले होते रहे है हमलो का एक संक्षिप्त व्योरा यहाँ दिया जा रहा है :- वर्ष २००८ में अमरनाथ श्राइन बोर्ड को आवंटित की जाने वाली भूमि के मसले पर जगह जगह हमले हुए थे जिसमे कई पर्यटक तथा यात्री घायल हुए थेऔर कई लोगो की मृत्यु हुयी थी । २५/०७/२००८ को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों पर हथगोलों से हमला हुआ जिसमे ५ लोगो की मौत तथा कई लोग घायल